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श्री अतुल कोरपे
संपादक
E-mail : atul.korpe78@gmail.com
Phone : (942) 342 4242
DOB : 03 April 11980
Address: Sonpeth
आज मीडिया के आकर्षण से कोई नहीं बचा है। मीडिया जहां एक ओर जनता की सशक्त आवाज बन कर उभरा है, वहीं वह युवाओं की पहली पसंद भी बनता जा रहा है। ऐसा नहीं कि मीडिया के प्रति यह आकर्षण केवल शहरी क्षेत्रों में ही है, दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी इसके प्रति आकर्षित होकर मीडिया में आते हैं। मीडिया केवल खबरों से ही नहीं जुड़ा है। मीडिया अपने आप में एक व्यापक शब्द है, जिसमें समाचार, मनोरंजन, ज्ञान, सब कुछ शामिल है। आज आप कोई भी समाचार पत्र ले लें तो इसमें आप अलग-अलग सप्लीमेंट पाएंगे और हर सप्लीमेंट में अलग-अलग विषयों पर सामग्री होती है। आज भी यही कहा जाता है कि यदि आगे बढ़ना है तो अखबार पढ़ो। अखबार मतलब खबरों का पिटारा। आज अखबार का कलेवर कुछ ऐसा है कि इसमें जीवन से जुड़े हर पहलू को समेट लिया जाता है।
पत्रकारिता एक शौक भी है और रोजगार भी। यदि आप में वह जुनून है कि आप इस
चुनौतीपूर्ण व्यवसाय को अपना सकें तो ही इस क्षेत्र में आना चाहिए। यहां भी
आपके पास अनेक प्रकार के अवसर मौजूद हैं। बहुत से विकल्प हैं। समाचार पत्र
में संपादन के दो भाग महत्त्वपूर्ण हैं- एक है रिपोर्टिग और दूसरा है
संपादन। रिपोर्टिग का जिम्मा रिपोर्टरों पर होता है और उन खबरों को सही और
आकर्षित बना कर कम शब्दों में प्रस्तुत करना संपादक का काम होता है।
रिपोर्टर के भिन्न-भिन्न विषय होते हैं या यूं कह सकते हैं कि वह अपने
विषय का एक्सपर्ट होता है। वैसे तो समाचार पत्र में सबसे महत्त्वपूर्ण और
आवश्यक बीट राजनीति होती है, किंतु इसके अलावा भी आप अपनी रुचि के अनुसार
फैशन, खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, कानून से जुड़ी बीट भी ले सकते
हैं।
एक पत्रकार के रूप में या फिर पत्रकारिता के पेशे से जुड़े किसी भी व्यक्ति
के लिए यह जरूरी है कि वह प्रेस विधि की जानकारी रखे। चूंकि पत्रकारिता
में भी आचार संहिता है और इसका प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, दोनों
द्वारा पालन करना जरूरी है, अत: इसके लिए प्रेस विधि की जानकारी होनी
चाहिए। इसमें विशेषत: कॉपीराइट एक्ट, ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट, इंडियन प्रेस
काउंसिल आदि शामिल हैं।
अधिकतर लोग मीडिया की मुख्य धारा में ही शामिल होना चाहते हैं और आज युवाओं
की रुचि टेलीविजन पर आने की है, इसलिए छ: ककारों यानी क्या, कहां, कब,
कौन, क्यों और कैसे का ज्ञान होना और उनका सही इस्तेमाल करना आना चाहिए,
ताकि वह अपने लेखन यानी स्क्रिप्टिंग में, वाचन में, रिपोर्टिग में, पैकेज
में इनका उपयोग कर समाचार अथवा अपनी रिपोर्ट को और अधिक विश्वसनीय और
प्रामाणिक बना सके।
पत्रकार के दो अंग बड़े महत्वपूर्ण हैं...
दिमाग और रीढ़
पत्रकार के दो गुण बड़े महत्वपूर्ण हैं...
साहस और स्वाभिमान
पत्रकारिता में दो गुण उससे ज्यादा जरूरी हैं....
आब्जर्वेशन और ऐनेलिसिस
पत्रकारिता में दो और चीजें उससे भी ज्यादा जरूरी हैं....
विश्वसनीयता और सोर्स
पर इन सबसे ज्यादा जरूरी है..
भाषाओं पर पकड़ और कंप्यूटर का उपयोग
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